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Congress veteran A K Antony (L), his son and BJP leader Anil K Antony |
Kerala में चल रही राजनीतिक गाथा एक दिन की तरह है, जो परिवार, विचारधारा और चुनावों की कहानी को दर्शाती है। 9 अप्रैल, 2024 को Antony परिवार के बीच घटित एक मतभेद ने केरल के राजनीतिक परिदृश्य को उजागर किया। इस घटना ने परिवारिक बंधनों की जटिलताओं को सामने लाया और केरल की राजनीतिक गतिशीलता को भी प्रकट किया।
एंटनी परिवार के बेटे अनिल Anil Antony ने BJ में शामिल होने का फैसला किया, जिससे राजनीतिक दलों में एक बड़ा हलचल मच गया। उनकी टिप्पणियों ने कांग्रेस पार्टी को गहरे मतभेदों के सामने खड़ा किया।
AK Antony ने अपने बेटे के फैसले का समर्थन किया, लेकिन वह भी चुनावी राजनीति से परिवारिक बंधनों को अलग रखने की महत्वपूर्णता को मानते थे।
Had met with BJP district sports cell members at #Thiruvalla today.
— Anil K Antony (Modiyude Kudumbam) (@anilkantony) April 10, 2024
Would be taking more initiatives to improve #Pathanamthitta’s sporting facilities, and take @narendramodi ji’s initiatives ‘Khelo India’ and ‘Fit India’ programmes to the grass roots.… pic.twitter.com/HM6K9qXoj5
AK Antony के बयानों ने केरल में राजनीतिक विभाजन को और भी तेज़ कर दिया। उन्होंने अपने और कांग्रेस पार्टी के निष्ठावान समर्थकों के बीच विचारधारा के मामले में विवाद पैदा किया।
केरल के सीएम पिनाराई विजयन के आरोपों का जवाब देते हुए, एंटनी ने कांग्रेस पार्टी की निष्ठा को बनाए रखने का समर्थन किया। वे भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखने का एलान किया।
इस प्रकार, केरल में चल रही राजनीतिक गाथा ने परिवार, विचारधारा और चुनावों के संबंध को समझाने का अद्वितीय अवसर प्रदान किया है। इसमें राजनीतिक विभाजन और नेताओं के बीच विवाद भी समाहित है। आगामी चुनावों में केरल के लोग यहां के नेताओं की बातों पर गंभीरता से ध्यान देंगे, जिससे राजनीतिक दलों को चुनावी जीत मिले।
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